How सूर्य पुत्र कर्ण के बारे में रोचक तथ्य can Save You Time, Stress, and Money.

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उसने देखा की कर्ण दुर्योधन का इंतजार कर रहे है तो वो वह अपने पति के खेल को जारी रखने के लिए गई और उनके बीच पासा फेकने को ले के कहा सुनी हो गयी

कर्ण अर्जुन के हाथों मारा गया, इस बात का जब पता कुंती को चला तब वे रोते रोते युद्ध स्थल पर चली आई थी. पांडव ये देखकर हैरान थे कि उनकी माँ दुश्मन के मरने पर इतना क्यों विलाप कर रही है. कुंती उन्हें बताती है कि कर्ण उन सब का ज्येष्ठ भाई है, युधिष्ठिर ये बात सुन अपनी माँ पर गलत लांचन लगाने लगता है, उन्हें बहुत बुरा भला बोलता है, तब कृष्ण पांडव को सारी बात समझाते है.

सूर्य तीन भागो में बंटा है नाभिक , प्रकाश मंडल और वर्णमंडल

कुंती लोक लाज के कारण बच्चे को अपने पास ना रख कर गंगा में बहा दी

एक बार कुंती नामक राज्य में महर्षि दुर्वासा पधारे. महर्षि दुर्वासा बहुत ही क्रोधी प्रवृत्ति के ऋषि थे, कोई भी भूल होने पर वे दंड के रूप में श्राप दे देते थे, अतः उस समय उनसे सभी लोग भयभीत रहते थे.

बारिश होने के कारण युद्धिष्ठिर को सुखा लकडी नहीं मिली तो युद्धिष्ठिर बोले की मुझे माफ़ करना बारिश के कारण सारी लकड़ियाँ गीली है, जो जलावन के लिए उपयुक्त नहीं है

दानवीर कर्ण का अंतिम दान  उसका सोने का दांत था.

(तारकीय पड़ोस में अन्य सितारों की औसत गति के सापेक्ष)

महाबली कर्ण ने वैसे तो अनेक दान किये , परन्तु उनके जीवन के दो महत्वपूर्ण दानों का वर्णन निम्नानुसार हैं -:

कर्ण की शक्ति से भगवान श्रीकृष्ण भी परिचित थे. कर्ण के सामने एक बार देवराज इंद्र को भी लज्जित होना पड़ा था. जिसकी कथा बहुत ही रोचक है.

सूर्य पुत्र कर्ण के बारे में रोचक तथ्य महाकाल की सवारी उज्जैन में क्यों निकलती है, जानिए इतिहास और इस बार क्यों है खास

भगवान सूर्य के तेज से कर्ण का जन्म हुआ था. इसका जिक्र महाभारत और पौराणिक कथाओं में मिलता है.

अंगराज कर्ण का विवाह शांतिपर्व के उपन्यास में उसका उल्लेख है। कर्ण ने सात तक आठ विवाह किए थे। उनकी प्रथम पत्नी है - पद्मावती। पद्मावती कर्ण की प्रथम पत्नी व कही उपन्यास में वृषकेतु की माता मानी जाती है। कर्ण ने दूसरी विवाह भी की थी। उनकी दूसरी पत्नी का नाम सुप्रिया है। वेदव्यास के महाभारत के अनुसार, सुप्रिया वृषकेतु की माँ मानी जाती है। उरूवी एक ऐसी पात्र है जो अंगराज से गंधर्व विवाह किया था। वह एक महाभारत की पात्र नही है पर एक कवयित्री ने उस पात्र को "उरूवी" नाम का उल्लेख दिया था। कर्ण और उरूवी का पुत्र का था धनुजय।

“कर्ण द्रोपदी को पसंद करता था और उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता था”

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